समंद-ए-ख़्वाब वहाँ छोड़ कर रवाना हुआ By Sher << आज लब-ए-गुहर-फ़िशाँ आप ने... हस्ती है जुदाई से उस की ज... >> समंद-ए-ख़्वाब वहाँ छोड़ कर रवाना हुआ जहाँ सुराग़-ए-सफ़र कोई नक़्श-ए-पा न हुआ Share on: