हट न कर ऐ दुख़्त-ए-रज़ बेताबियाँ बढ़ जाएँगी By Sher << तौर मजनूँ की निगाहों के ब... राह का शजर हूँ मैं और इक ... >> हट न कर ऐ दुख़्त-ए-रज़ बेताबियाँ बढ़ जाएँगी गिर पड़ेगी पाँव पर दस्तार-ए-मीना देखना Share on: