तौर मजनूँ की निगाहों के बताते हैं हमें By Sher << न हों पैसे तो इस्तक़बालिय... हट न कर ऐ दुख़्त-ए-रज़ बे... >> तौर मजनूँ की निगाहों के बताते हैं हमें इसी लैला में है इक दूसरी लैला देखो Share on: