हथेलियों की दुआ फूल बन के आई हो By Sher << जो हर्फ़-ए-हक़ की हिमायत ... रिंद जो ज़र्फ़ उठा लें वह... >> हथेलियों की दुआ फूल बन के आई हो कभी तो रंग मिरे हाथ का हिनाई हो Share on: