हथेलियों में लकीरों का जाल था कितना By Sher << उर्दू के चंद लफ़्ज़ हैं ज... यूँ दर्द ने उम्मीद के लड़... >> हथेलियों में लकीरों का जाल था कितना मिरे नसीब में मेरा ज़वाल था कितना Share on: