हवा के साथ सफ़र का न हौसला था जिसे By Sher << दर्द-ए-सर में है किसे संद... मेरी रुस्वाई अगर साथ न दे... >> हवा के साथ सफ़र का न हौसला था जिसे सभी को ख़ौफ़ उसी लम्हा-ए-शरर से था Share on: