हो बिजलियों का मुझ से जहाँ पर मुक़ाबला By Sher << अब इम्तियाज़-ए-ज़ाहिर-ओ-ब... ऐ शाम-ए-हिज्र-ए-यार मिरी ... >> हो बिजलियों का मुझ से जहाँ पर मुक़ाबला या-रब वहीं चमन में मुझे आशियाना दे Share on: