होली के अब बहाने छिड़का है रंग किस ने By Sher << वगर्ना तंग न थी इश्क़ पर ... ज़ाहिद हो और तक़्वा आबिद ... >> होली के अब बहाने छिड़का है रंग किस ने नाम-ए-ख़ुदा तुझ ऊपर इस आन अजब समाँ है Share on: