ज़ाहिद हो और तक़्वा आबिद हो और मुसल्ला By Sher << होली के अब बहाने छिड़का ह... इस राह से गुज़रे थे कभी अ... >> ज़ाहिद हो और तक़्वा आबिद हो और मुसल्ला माला हो और बरहमन सहबा हो और हम हों Share on: