हूर पर आँख न डाले कभी शैदा तेरा By Sher << ऐ नवा-साज़-ए-तमाशा सर-ब-क... सामने माँ के जो होता हूँ ... >> हूर पर आँख न डाले कभी शैदा तेरा सब से बेगाना है ऐ दोस्त शनासा तेरा Share on: