होती है शाम आँख से आँसू रवाँ हुए By Sher << एक आलम को देखता हूँ मैं चाहूँ कि हाल-ए-वहशत-ए-दिल... >> होती है शाम आँख से आँसू रवाँ हुए ये वक़्त क़ैदियों की रिहाई का वक़्त है Share on: