होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी By वहशत, Sher << मैं उन की राह देखता हूँ र... हवा भी चल रही है और जागती... >> होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी Share on: