हवा भी चल रही है और जागती है रात भी By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर... >> हवा भी चल रही है और जागती है रात भी जो आप कुछ कहें तो हम सुनाएँ दिल की बात भी Share on: