हुई पीरी में उस घर की सी हालत ख़ाना-ए-तन की By Sher << मिरे दाग़ों से जलने का सब... रखता है इबादत के लिए हसरत... >> हुई पीरी में उस घर की सी हालत ख़ाना-ए-तन की दर-ओ-दीवार गिर कर जिस मकाँ का उठ नहीं सकता Share on: