रखता है इबादत के लिए हसरत-ए-जन्नत By Sher << हुई पीरी में उस घर की सी ... ये भी सच है कि नहीं है को... >> रखता है इबादत के लिए हसरत-ए-जन्नत ज़ाहिद की ख़ुदा साथ मोहब्बत सबबी है Share on: