हुजूम-ए-ग़म से मिली है हयात-ए-नौ मुझ को By Sher << मौज-ए-हवा आब-ए-रवाँ और ये... किस ज़ालिम ने पर पेड़ों क... >> हुजूम-ए-ग़म से मिली है हयात-ए-नौ मुझ को हुजूम-ए-दर्द से पाया है हौसला मैं ने Share on: