हम वो फ़लक हैं अहल-ए-तवक्कुल कि मिस्ल-ए-माह By Sher << उस जल्वा-गाह-ए-हुस्न में ... 'शुऊर' सिर्फ़ इरा... >> हम वो फ़लक हैं अहल-ए-तवक्कुल कि मिस्ल-ए-माह रखते नहीं हैं नान-ए-शबीना बरा-ए-सुब्ह Share on: