हुस्न का दामन फिर भी ख़ाली By Sher << इस आलम-ए-वीराँ में क्या अ... एक शोला सा उठा था दिल में >> हुस्न का दामन फिर भी ख़ाली इश्क़ ने लाखों अश्क बिखेरे Share on: