आई क्या जी में तेग़-ए-क़ातिल के By Sher << आप की ज़िद ने मुझे और पिल... मैं टूटने देता नहीं रंगों... >> आई क्या जी में तेग़-ए-क़ातिल के कि जुदा हो गई गले मिल के Share on: