'मीर' से बैअत की है तो 'इंशा' मीर की बैअत भी है ज़रूर By Sher << रात आई है बलाओं से रिहाई ... अब्र में बादा-परस्तों का ... >> 'मीर' से बैअत की है तो 'इंशा' मीर की बैअत भी है ज़रूर शाम को रो रो सुब्ह करो अब सुब्ह को रो रो शाम करो Share on: