जब 'मीर' ओ 'मीरज़ा' के सुख़न राएगाँ गए By Sher << ज़ब्त भी सब्र भी इम्कान म... हारने में इक अना की बात थ... >> जब 'मीर' ओ 'मीरज़ा' के सुख़न राएगाँ गए इक बे-हुनर की बात न समझी गई तो क्या Share on: