इजाज़त माँगती है दुख़्त-ए-रज़ महफ़िल में आने की By Sher << 'साज़' जब खुला हम... तमाम उम्र यहाँ किस का इंत... >> इजाज़त माँगती है दुख़्त-ए-रज़ महफ़िल में आने की मज़ा हो शैख़-साहिब कह उठें बे-इख़्तियार आए Share on: