इक दर्द हो बस आठ पहर दिल में कि जिस को By Sher << जाने किस वक़्त कूच करना ह... हज़ार रंग-ब-दामाँ सही मगर... >> इक दर्द हो बस आठ पहर दिल में कि जिस को तख़फ़ीफ़ दवा से हो न तस्कीन दुआ से Share on: