हज़ार रंग-ब-दामाँ सही मगर दुनिया By Sher << इक दर्द हो बस आठ पहर दिल ... अहद के बअ'द लिए बोसे ... >> हज़ार रंग-ब-दामाँ सही मगर दुनिया बस एक सिलसिला-ए-एतिबार है, क्या है Share on: