इक शख़्स तेरी बज़्म से ख़ामोश उठ गया By Sher << क़बीला-वार अदावत का सिलसि... दुनिया भर की राम-कहानी कि... >> इक शख़्स तेरी बज़्म से ख़ामोश उठ गया शायद ये बात तेरे लिए सोचने की थी Share on: