इक शक्ल हमें फिर भाई है इक सूरत दिल में समाई है By Sher << ख़ाक उड़ के हमारी तिरे कू... रातों को जागते हैं इसी वा... >> इक शक्ल हमें फिर भाई है इक सूरत दिल में समाई है हम आज बहुत सरशार सही पर अगला मोड़ जुदाई है Share on: