ख़ाक उड़ के हमारी तिरे कूचे में पहुँचती By Sher << जानकारी खेल लफ़्ज़ों का ज... इक शक्ल हमें फिर भाई है इ... >> ख़ाक उड़ के हमारी तिरे कूचे में पहुँचती तक़दीर थी ये भी कि हवा भी न चली आज Share on: