इन की मिज़ा है काबा-ए-अबरू में मोतकिफ़ By Sher << तुझे क्या ख़बर मिरे बे-ख़... थी नींद मेरी मगर उस में ख... >> इन की मिज़ा है काबा-ए-अबरू में मोतकिफ़ खींचा कभी न तीर ने चिल्ला कमान में Share on: