इंसान की दुनिया में इंसाँ है परेशाँ क्यूँ By Sher << कर गया सूरज सभी को बे-लिब... हमारे घर के आँगन में सिता... >> इंसान की दुनिया में इंसाँ है परेशाँ क्यूँ मछली तो नहीं होती बेचैन कभी जल में Share on: