इंतिज़ाम-ए-रोज़-ए-इशरत और कर ऐ ना-मुराद By Sher << इस ख़ाक-दान-ए-दहर में घुट... हम तो मस्जिद से भी मायूस ... >> इंतिज़ाम-ए-रोज़-ए-इशरत और कर ऐ ना-मुराद ईद आती ही रही माह-ए-सियाम आ ही गया Share on: