इस जहाँ में नहीं कोई अहल-ए-वफ़ा By Sher << आईनों को ज़ंग लगा अपने लहू में ज़हर भी ख़ुद... >> इस जहाँ में नहीं कोई अहल-ए-वफ़ा ऐ 'फ़ना' इस जहाँ से किनारा करो Share on: