इस क़दर पुर-ख़ुलूस लहजा है By Sher << अभी तो काँटों-भरी झाड़ियो... क्यूँ तीरगी से इस क़दर मा... >> इस क़दर पुर-ख़ुलूस लहजा है उस से मिलना है उम्र भर जैसे Share on: