इस शहर-ए-फ़ुसूँ-गर के अज़ाब और, सवाब और By Sher << अदाएँ देखने बैठे हो क्या ... चेहरे की चाँदनी पे न इतना... >> इस शहर-ए-फ़ुसूँ-गर के अज़ाब और, सवाब और हिज्र और तरह का है, विसाल और तरह का Share on: