इस तरह ख़ुश हूँ किसी के वादा-ए-फ़र्दा पे मैं By Sher << मस्जिद का है ख़याल न परवा... तू इक चराग़-ए-जहान-ए-दिगर... >> इस तरह ख़ुश हूँ किसी के वादा-ए-फ़र्दा पे मैं दर-हक़ीक़त जैसे मुझ को ए'तिबार आ ही गया Share on: