इश्क़ को नग़्मा-ए-उम्मीद सुना दे आ कर By Sher << जिस दिन मिरी जबीं किसी दह... हर-दम ये दुआ माँगते रहते ... >> इश्क़ को नग़्मा-ए-उम्मीद सुना दे आ कर दिल की सोई हुई क़िस्मत को जगा दे आ कर Share on: