जिस दिन मिरी जबीं किसी दहलीज़ पर झुके By Sher << हज़ार चाहें मगर छूट ही नह... इश्क़ को नग़्मा-ए-उम्मीद ... >> जिस दिन मिरी जबीं किसी दहलीज़ पर झुके उस दिन ख़ुदा शिगाफ़ मिरे सर में डाल दे Share on: