इश्क़ में क़द्र-ए-ख़स्तगी की उम्मीद By Sher << आया ही था अभी मिरे लब पे ... ख़ाक में मिलना था आख़िर ब... >> इश्क़ में क़द्र-ए-ख़स्तगी की उम्मीद ऐ 'जिगर' होश की दवा कीजिए Share on: