इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया By Sher << ये वार कर गया है पहलू से ... ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख ह... >> इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया my being did, from love's domain, the joy of life procure obtained such cure for life's travails, which itself had no cure Share on: