इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना By Sher << यूँ जो तकता है आसमान को त... ज़िंदगी पर इस से बढ़ कर त... >> इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना Share on: