जाँ-ब-लब दम भर का हूँ मेहमान-ए-यार By Sher << तुझ को है हम से जुदाई आरज... मंज़िल न मिली तो ग़म नहीं... >> जाँ-ब-लब दम भर का हूँ मेहमान-ए-यार एक बोसा मेरी मेहमानी करो Share on: