मंज़िल न मिली तो ग़म नहीं है By मंज़िल, Sher << जाँ-ब-लब दम भर का हूँ मेह... ब-ज़ाहिर एक ही शब है फ़िर... >> मंज़िल न मिली तो ग़म नहीं है अपने को तो खो के पा गया हूँ Share on: