जाम-ए-इश्क़ पी चुके ज़िंदगी भी जी चुके By Sher << मिरी दास्ताँ भी अजीब है व... जब वक़्त पड़ा था तो जो कु... >> जाम-ए-इश्क़ पी चुके ज़िंदगी भी जी चुके अब 'हिलाल' घर चलो अब तो शाम हो गई Share on: