जाने किस रुत में खिलेंगे यहाँ ताबीर के फूल By Sher << ख़त्म होता ही नहीं सिलसिल... इसी बाइस मैं अपना निस्फ़ ... >> जाने किस रुत में खिलेंगे यहाँ ताबीर के फूल सोचता रहता हूँ अब ख़्वाब उगाता हुआ मैं Share on: