ख़त्म होता ही नहीं सिलसिला तन्हाई का By Sher << किस की तनवीर से जल उठ्ठे ... जाने किस रुत में खिलेंगे ... >> ख़त्म होता ही नहीं सिलसिला तन्हाई का जाने किस दर्जा मसाफ़त में है ढाली गई शब Share on: