जाती नहीं है सई रह-ए-आशिक़ी में पेश By Sher << कई चाँद थे सर-ए-आसमाँ कि ... एक ही मिट्टी से हम दोनों ... >> जाती नहीं है सई रह-ए-आशिक़ी में पेश जो थक के रह गया वही साबित-क़दम हुआ Share on: