जब बच्चों को देखता हूँ तो सोचता हूँ By Sher << किसी सफ़र किसी अस्बाब से ... हम अपने आप से भी हम-सुख़न... >> जब बच्चों को देखता हूँ तो सोचता हूँ मालिक इन फूलों की उम्र दराज़ करे Share on: