जब भी झुक कर मिलता हूँ मैं लोगों से By Sher << वो चाँदनी वो तबस्सुम वो प... ख़लिश-ए-इश्क़ से बचपन है ... >> जब भी झुक कर मिलता हूँ मैं लोगों से हो जाता हूँ अपने क़द से ऊँचा मैं Share on: