जब गुज़रती है शब-ए-हिज्र मैं जी उठता हूँ By Sher << जिस की साँसों से महकते थे... दिल रिझा है तुझ पे ऐसा बद... >> जब गुज़रती है शब-ए-हिज्र मैं जी उठता हूँ ओहदा ख़ुर्शीद ने पाया है मसीहाई का Share on: