जब जवानी गई छुड़ा कर हाथ By Sher << अब किसी में अगले वक़्तों ... दर्द-ए-दिल से इश्क़ के बे... >> जब जवानी गई छुड़ा कर हाथ उस पे पीरी न कुछ चली दिल की Share on: