अब किसी में अगले वक़्तों की वफ़ा बाक़ी नहीं By Sher << सदा-बहार हो तुम और मेरी क... जब जवानी गई छुड़ा कर हाथ >> अब किसी में अगले वक़्तों की वफ़ा बाक़ी नहीं सब क़बीले एक हैं अब सारी ज़ातें एक सी Share on: